आदमी जितना कहता है, उससे ज्यादा नहीं कहता है। अनकहा जब आपके अंदर तोड़-फोड़ मचाने लगे तो आपकी चुप्पी को भी एक रचनात्मक स्पेस की जरुरत पड़ती है, जहां वह साफ चेहरे की तरह दिखे। अपना वह चेहरा लेकर पहली बार ब्लाग पर आ रहा हूँ, बिना किसी मेकअप के।
अपने पहले पोस्ट में अपनी कविता की कुछ पंक्तियां-
मेरे पास कुछ शब्द हैं
कह दूं- तो बकवास
लिख दूं- तो इतिहास
कुछ अर्थ हैं मेरे पास
टाल दूं- तो भ्रांति
उछाल दूं- तो क्रांति
कुछ भाव हैं
पी लूं- तो कविता
जी लूं- तो कहानी
नहीं तो-आंखों का पानी।
पंकज नारायण
35 टिप्पणियां:
अनकहे को समझने और कहने का प्रयास प्रशंसनीय है। शब्द ,अर्थ , भावों , विचारों की संगति और अन्विति अपेक्षाओं को जगाती है। जैसे लाल - हरा रंग लिए पेड़ का ताजा पत्ता, अपनी दिशा ढूंढती तेज चलती हवा। बात की गहराई प्रभावित करती है शुरूआत जानदार है। शुभकामनाएं।
अनिल जोशी
मेरे पास हैं कुछ शब्द
लिख दूं तो कमेंट हो जायें
या फिर चिरकुटई परमानेंट हो जायें
अनुभवों को भरने के लिए यूं ही सें टेंट हो जायें
पर क्या ही अच्छा हो प्यारे
अगर शब्दों के लिए कुछ पेमेंट हो जाये
पर ब्लाग पर पेमेंट नहीं है
किसी के यहां लिखने पर कोई रेंट नहीं है
फिर भी ब्लाग पर लिखो भईया
वरना लोग कहेंगे कि पंकज नारायण के लेखन में करेंट नहीं है
जमाये रहिये, शुभकामनाएं जी
आलोक पुराणिक
लगता है आप कोई धंधा बाकी नहीं छोड़ेंगे... बेहतर है... शुभकामनाओं सहित
this is the true, I waiting your next word
This is my blog sport
http://www.arashok.blogspot.com/
plz send me comment
कुछ भाव पी लूँ तो कविता ...वाह भाई
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
शुभ कामनाएं
मैं अकेला ही चला था जानिबे-मंज़िल मगर,
लोग साथ आते गए और कारवां बनता गया।
स्वागत है आपका।
I am happy you have made an effort without a make-up. Keep this spirit alive. Best wishes and welcome to the blogging world.
Svagat hai blog jagat me Bhai...
Pankaj Narayan - You are really a great master rather a JADUGAR of words. You know how, when and where to use the proper words. I wish you a great success in the coming years of your carrier.
Jolly Uncle
पंकज जी ब्लॉग की सजावट और पहली पोस्ट दोनों ही बहुत पसंद आए। छोटी सी कविता के जरिए बड़ी सी अभिव्यक्ति करते हैं आप। बहुत खूब.. और खूब लिखते रहिए।
प्रिय पंकज,
तुम्हारे ब्लाॅग में अनेक खूबसूरत चांद, चुनावी दोपहरी में, अपनी चांदनी बिखेर रहे हैं।
पहला चंाद तुम्हारा, बिना मेक अप का, निर्मल वैद्य द्वारा प्रस्तुत तुम्हारा चेहरा है जिसकी आंखें बहुत कुछ सुंदर बयान करती हैं।
दूसरा चंाद तुम्हारे ब्लाॅग के आरंभिक शब्द हैं जो साहित्य के सुंदरम् पक्ष के प्रति तुम्हारी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
तीसरा चांद तुम्हारी कविता के रचनात्मक सौंदर्य से युक्त ये शब्द हैं-
कुछ भाव हैं
पी लूं- तो कविता
जी लूं- तो कहानी
मुझेे उम्मीद है कि तुम्हारा ब्लाॅग ऐसे ही वैचारिक सुंदरता के दर्शन करवाता रहेगा।
बधाई
कुछ भाव हैं
पी लूं- तो कविता
जी लूं- तो कहानी
swagat hai.
पंकज, ब्लाग की दुनिया में स्वागत.अब आलस छोड़ो और कुछ लिखो वो जो तुम कहना चाहते हो या जो तुम्हारी आंखें कह रही है। भाव जी लो...शक्ल कोई हो..कविता या कहानी..भ्रांति या क्रांति...। मुझे लगता है, तुम एक साथ सब कर सकते हो.करोगे को बने रहोगे वरना मारे जाओगे.
आ तो रहे हैं आप इधर, सोच लीजिए
आसां नहीं अजी ये डगर, सोच लीजिए
पीकर जहर हरेक न सुकरात बन सका
इक-सा नहीं है इसका असर, सोच लीजिए
ब्लाग आकर्षक है...फोटो खिंचवाने की अदा पसंद आई। तुम्हारे कालर खड़े देखकर मुझे कालेज के दिन याद आ गए। कविता फोटो से 21 है।
नरेश शांडिल्य
Tusi Kamal ho Dhamal Ho
Tusi Tope Ho Pope Ho
Tusi Duniya ki hope Ho
All the best Pankaj
Namaskar!
Kya Hal-Chal Hai Bhai Sahab.
Blog Acha Hai
Photo Bhi Achi Hai
Kya Bat Hai Model Bante Ja Rahe Ho.
Humare Bare Main Bhi Soch Liya Karo Kabhi....
पंकज की कविताओं में पवन, गगन, समीर है, जो होते हुए भी दिखाई नहीं पड़ते, लेकिन पंकज ऊँगली पकड़कर सहज ही इनसे साक्षात्कार करा देते हैं.
अच्छा लिखते हैं पंकज आप...एकदम अपने मन की तरह सरल, सहज और दिल को छू लेने वाला. ऐसा प्रवाह बना रहे, यही शुभकामना...एक सुझाव भी...ब्लॉगिंग अनवरत होनी चाहिए, नदी के प्रवाह की तरह...इसमें विराम न लगाएं...हमें आपकी अगली, फिर अगली और हर बार अगली ही अगली पोस्ट का इंतज़ार है.
चण्डीदत्त शुक्ल
www.chauraha1.blogspot.com
Yakinan Hamse Bahtar Dhundhta Hai
Jo Katre Mai Samandar Dhundhta Hai
....Barque Punchhavi
Dhundo Bhai Dhundo... Nirmal Vaid
Blog dekh kar badut achha laga. Likhte rahiye...
Subhkamnayen
Manishankar Kumar
Blog dekh kar badut achha laga. Likhte rahiye...
Subhkamnayen
Manishankar Kumar
भाई पंकज, आपका ब्लॉग देखा और कविता भी पढ़ी। दोनों प्रयास अच्छे हैं। कविता और कहानी का अंतर अच्छा स्थापित हुआ है। किन्तु एक आध सलाह - आप की फ़ोटो अच्छी होते हुए भी ब्लॉग के हिसाब से बहुत बड़ी है। चेहरे से अधिक महत्वपूर्ण है रचना। रचना से बड़ा चेहरा रचना के बढ़प्पन को कम करता है।
शुरूआत अच्छी है। आगे और भी सुन्दर पल आएंगे जो सत्य भी होंगे और शिव भी।
तेजेन्द्र शर्मा
chalo acha hai aapne aapna blog banaliya .. now I would also get to read all the wonderful poems and write ups that you have written and praise them...
you are like the raisin in the sun... I wish the best for you...
So, congratulations for reaching a new step and Good luck for future
पंकज, थोड़े शब्दों में गहरी बात कहने का तुम्हारा अंदाज सुंदर है। तेज रफ्तार के वक्त में कसी हुई, सटीक रचनाओं की ही जरूरत है। निरंतर लिखते रहो।
शुभकामनाएं।
अलका सिन्हा
भई वाह,
देखन में छोटन लगै, बात करै गंभीर।
प्रतीक्षा परिणाम की होती जीवन भर
परिणाम भी प्रयास पर होता है निर्भर
बैठें ना उदास आगे बढ़ते जाएं
कुछ ना कुछ प्रयास निरन्तर करते जाएं।
ब्लॉग पर आपकी दिखावट से लिखावट ज्यादा प्रभावी है,उसमें बनावट है तो इसमें कसावट है।
राजीव वत्स
bahut badhiya. mazaa aa gaya.
see m log also to get some tips
http://mujhekuchhkahnahai.blogspot.com/
Dear Sh. Pankaj ji,
You have very corrently expressed your views on the present circumstances of the society. In metro cities like Delhi, Mumbai etc. population is increasing day by day but every individual is feeling very lonely. No one is bother for anyone.
Wish you a great success.
Jolly Uncle
www.jollyuncle.com
Achcha hai...jitne masoom dikhte ho utne ho nahi...khasker abhivyakti mein.....blog achcha hai....kavita mein sabd aur vichaaron ki abhivyakti ka samanjaysaya bahut badhiya hai...aapka gaon appko hamesha urja deta rahe aisi kamna karta hoon...Gaon ko kabhi apne se door mat hone dena....jinda rahoge..aur honsle se jinda rahoge mahanagron mein...iski guarentee mein deta hoon..... pasand aaya....lagatar likhte rahiye...
Bahut bahut subhkamnayein BALAK
vinod Sandlesh
apke tarif ke liye mere pass koi shabd nahi hai ...
bahut badiya .......
ब्लॉग जगत में कदम रखते ही इतना प्यार मिलेगा, इसका मुझे अंदाजा नहीं था। आप सब लोगों का आभार...
सादर
पंकज नारायण
पंकज भाई आपकी बातें आपका अंदाजे बयां हर किसी को दिल के करीब लगता है आपकी खूबसूरत लाइने मोहल्ला लाइव में पढ़ी थीं। कई बार दोहराईं हर बार बिल्कुल ताजी हर बार अलग महक। शब्दों को पिराने में आप माहिर हैं आपके हर शब्द बातें करते हैं। आपके ब्लॉग पर यही ताजगी बनी रहे।
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